Saturday 7 January 2023

जीवन में संतुलन क्यों जरूरी?

क्या सिर्फ पैसा जीवन में खुशियां ला सकता है? जीवन को परफेक्ट बनाने के लिए संतुलन का क्या महत्व है इसे समझने के लिए इस सच्ची कहानी को ध्यान से समझने की जरूरत है.


साल 1923 में दुनिया के नौ सबसे कामयाब वित्तदाता शिकागो के एक बड़े होटल में अर्थव्यवस्था के बारे में चर्चा करने के लिए मिले. ये नौ दुनिया के सबसे ज्यादा अमीर लोग थे. मीटिंग के लिए टेबल पर मौजूद लोगों में न्यू यॉर्क स्टॉक एक्सचेंज के सभाध्यक्ष... दुनिया की सबसे बड़ी स्टील कंपनी के अध्यक्ष... दुनिया की सबसे बड़ी गैस कंपनी के अध्यक्ष... और दुनिया के सबसे बड़े एकाधिकार के अध्यक्ष थे.

25 साल बाद... साल 1948... आपको क्या लगता है उन नौ लोगों का क्या हुआ? जिनके पास कुछ सालों पहले तक इतनी शक्ति और दौलत थी... मगर जिंदगी में हिसाब नहीं था? संतुलन नहीं था. उनकी किस्मत का लेखा ये था...

नौ में से तीन आदमियों ने आत्महत्या कर ली. नौ में से तीन कंगाल हो गए, नौ में से दो को जेल हो गई. और नौ में एक को कानून ने पागल घोषित कर दिया. मतलब नौ में से नौ नाखुश, कंगाल, तिरस्कृत, या पागल मरे. इन नौ में से हर एक ने पैसा बनाना तो सीखा. मगर किसी ने संतुलन बनाने की महत्वता पर ध्यान नहीं दिया. किसी ने खुशहाली की बुनियाद पर ध्यान नहीं दिया.

जाहिर है सिर्फ पैसा जीवन में खुशियां नहीं दे सकता. अगर सिर्फ पैसों से खुशी खरीदी जा सकती तो बड़े-बड़े स्टार्स, कॉरपोरेट ऑफिसर्स, बिजनेसमैन डिप्रेशन, एंजाइटी के शिकार नहीं होते, अमीर लोगों की शादियों में ब्रेकअप नहीं होतें, इतनी खुदकुशियां नहीं होतीं. इसीलिए समझने की जरूरत है कि सफलता के लिए, पैसों के लिए जुनून जरूरी है लेकिन जीवन में, परिवार में संतुलन भी उतना ही जरूरी है. वरना सफलताओं का कोई मूल्य नहीं रह जाएगा जीवन में.

किसी ने ठीक ही कहा है- जीवन में सबसे बड़ा हथियार है प्रेम और सबसे बड़ी पूंजी है परिवार...

सर्वाइवल ऑफ द फिटेस्ट...

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