Saturday 4 November 2023

कैसा जीवन जीएं? 5 HAPPINESS MANTRA

हम सबके मन में अक्सर ये सवाल आता है कि जीवन को कैसे जिया जाए. क्या किया जाए जिससे जीवन सार्थक बन सके. खोखलेपन और दिखावे की जिंदगी से मुक्ति और आनंदित जीवन जीने के लिए आप ये 5 मंत्र अपना सकते हैं. इन तरीकों से आप अपने रोज के जीवन को न केवल सार्थक बना सकते हैं बल्कि खुद के लिए भी हमेशा आनंदित रहने का रास्ता तैयार कर सकते हैं-


1. खुद पर रोज काम करें. अपने दिमाग को रोज लर्निंग कराएं ताकि वह न केवल आपके काम के फील्ड में आपको मजबूत बनाए बल्कि दुनियादारी सीखने में मदद करे और किताबों के जरिए दूसरे महनतकश और सफल लोगों की जिंदगी के अनुभवों का आप अपनी जिंदगी में लाभ उठा पाएं. टॉप निवेशक वॉरेन बफेट और टेक्नोक्रेट बिल गैट्स जैसे लोग साल में 80 किताबें तक पढ़ जाते हैं. रोज सोने से पहले कुछ पन्ने जरूर पढ़ने की आदत पालें और वो भी ऐसी किताबों की जो आपको कुछ न कुछ अच्छा सीखा जाए.

2. आगे बढ़कर पैसे कमाएं. पैसा कमाना कोई गुनाह नहीं है जैसा कि ज्यादातक लोग बोलते नजर आते हैं. दरअसल बिना पैसे के इस धरती पर आप कोई भी काम नहीं कर सकते. अपनी या अपने परिवार की कोई भी जरूरत पूरी नहीं कर सकते. आप कोई भी काम करते हों उसमें आपकी मेहनत बहुत मायने रखती है लेकिन केवल एक फील्ड में खुद को बांधकर रखना अपने कदम रोकने जैसा है. आप रोजी-रोटी वाला अपना काम करते रहें लेकिन रोज कम से कम एक-डेढ़ घंटा अपने दूसरे काम पर भी दें. जिसमें आपकी हॉबी, निवेश, पैशन को कमर्शियल तरीके से जमीन पर उतारने जैसे काम शामिल हों. इस तरह से रोज कुछ समय देकर आप इनकम का एक दूसरा रास्ता भी बना सकते हैं.

3. आपकी हेल्थ आपकी जिम्मेदारी है. स्वास्थ्य की समस्याएं किसी के जीवन में आ सकती हैं उसे रोका नहीं जा सकता लेकिन अच्छा स्वास्थ्य रहे इसके लिए नियमित रूप से व्यायाम, टहलने, अच्छा और संतुलित खाना खाने जैसी छोटी-छोटी कोशिशें तो आप कर ही सकते हैं. क्योंकि ये काम आपको खुद के लिए करना है. डॉक्टर आपके बुखार की दवा दे सकता है लेकिन आपके मोटे होने की बीमारी का वो क्या ही इलाज करेगा. इसे नियंत्रण में लाने के लिए आपको ही अपनी आदतें बदलनी होंगी.

4. जितना आपका स्वस्थ रहना जरूरी है उतना ही आपका डिसिप्लिन में रहना भी जरूरी है. नशे की आदत, स्मोकिंग-शराब, देर रात की पार्टियां बहुत तेजी से इंसान को लुभाती हैं खासकर टीन एज में. लेकिन आपको पता होना चाहिए कि बाद में यही बुरी आदतें एंजाइटी, डिप्रेशन जैसे बुरे रिटर्न गिफ्ट भी देती हैं. और बहुत ही कम लोग होते हैं जो ऐसी आदतें एक बार पल जाने के बाद उनसे मुक्ति पाने में सफल हो पाते हैं. आज से शहरी जीवन में तनाव-डिप्रेशन-एंजाइटी के मरीजों को काउंसलिंग के नाम पर हजारों और लाखों रुपये की फीस हर महीने काउंसलर्स और साइकोथेरेपी के लिए देने पड़ते हैं यानी ऐसे एक्सपर्ट जो आपके मन को बुरे प्रभावों से मुक्ति दिलाते हैं. इसलिए आपकी बेहतर आदतों के लिए आपका डिसिप्लिन में होना खुद आपकी अपनी बेहतरी के लिए बहुत जरूरी है.

5. और आखिरकार गुडविल भी जीवन के लिए उतनी ही जरूरी है जितना आपकी अपनी प्रगति. आप दूसरों के लिए एटीएम मशीन न बनें, दूसरों के शिकार न बनें लेकिन सोच अच्छी रखते हुए जरूरतमंद लोगों के लिए छोटी-छोटी उदारता जरूर दिखा सकते हैं. पैसे से न सही तो विचार और छोटी-छोटी मदद करके भी आप गुडविल अर्न कर सकते हैं. जैसे ट्रैफिक में फंसे बुजुर्गों को सड़क पार कराके, विकलांग लोगों के लिए रास्ता छोड़कर या उनकी ओर मदद के हाथ बढ़ाकर, या किसी बुजुर्ग जरूरतमंद या सड़क पर रह रहे बच्चों को खाना खिलाकर, उनका त्योहार अच्छा बनाकर आज अपने दिल को गुडविल का गिफ्ट कर सकते हैं. ये ईश्वर की सेवा के बराबर है.

भीड़ में भी अकेला क्यों ये मन...?

एक बेहद साधारण परिवार से आने वाले एक युवा ने बड़े लक्ष्य हासिल करने की ठान ली. उसने उस पर शांति से काम शुरू कर दिया. लेकिन जैसे-जैसे उसके सपनों के बारे में लोगों को पता लगता लोग उससे दूर होते जाते. लोग साथ देना तो दूर, उसे पागल तक कहने लगे. लेकिन वह अपने लक्ष्य पर लगातार काम करता रहा. कई साल बीत गए. वह काफी सफल हो गया.


अब उसके आसपास भीड़ भी काफी रहने लगी. पहले परिवार और रिश्तेदारी के जो लोग उससे दूर रहते थे वे भी अचानक करीब दिखने लगे और अपनापन दिखाने लगे... वह शख्स सबको सहज भाव से एकसमान हैंडल करता रहा. हमेशा उसके चेहरे पर एक मुस्कान तैरती रहती, जुबां पर एक मौन, अपने काम के प्रति जुनून और सबके प्रति एक जैसा उदार और सहज भाव...

एक दिन उसके बचपन के एक दोस्त ने उससे पूछा- तुम्हें बुरा नहीं लगता कि ये वही सारे लोग हैं जो कभी तुम्हारें सपनों का मजाक उड़ाते थे, तुम्हारी कोशिशों को रोकने की कोशिशें किया करते थे. आज कैसे उनके अपनेपन को तुम मुस्कराकर सहज रहकर स्वीकार कर लेते हो?

उस शख्स का जवाब सुनकर आप हैरान हो जाएंगे-

'मैं सिर्फ वही सुनता हूं जिससे मेरे इरादे मजबूत होते हैं... उन मुश्किल वक्त और अपनों के रवैये ने मुझे एक बात सिखा दी है कि अपना-पराया कोई नहीं होता सब सफलता होती है. वही लोगों को आपके पास लाती है और वही दूर करती है. आज जो आपके करीब है वो कल सफलता छीनने पर दूर भी चले जाएंगे और फिर सफलता के वापस आने पर वापस भी आ जाएंगे. आपको सिर्फ अपने ऊपर काम करते रहने की जरूरत है... हमेशा शांति से आगे बढ़ते रहें, रोज अपना नया वर्जन गढ़ने में जुटे रहें. वक्त भी बदलेगा और लोग भी.'

जिंदगी में ये सबक हम सबके काम की है. लोग और चीजें नहीं अगर आपके जीवन में कोई चीज मायने रखती है तो वो केवल आपकी अपनी सफलता है. हां, इस दौरान कई बार मुश्किलें आपको परेशान करती हैं. लेकिन यकीन मानिए इन मुश्किलों के पार ही सफलता है. ये मुश्किलें बार-बार आएंगी लेकिन यही आपको मंजिल तक भी पहुंचाएंगी.

जानकार कहते हैं कि जिंदगी में कभी भी पासा पलट सकता है लेकिन ये समझना भी जरूरी है कि पासा उसी का पलट सकता है जो गेम में बना रहे और गेम में बने रहने के लिए आपको लगातार खुद पर काम करना होगा, नए-नए रास्ते खोजने होंगे, उनपर प्रयोग करने होंगे. असफलताएं भी आएंगी, लोगों का उसपर रिएक्शन भी बदलेगा. लेकिन उनसे लगातार सीखते रहना होगा... अच्छे-बुरे वक्त के ये सबक ही आपके व्यक्तित्व को गढ़ते हैं.

सर्वाइवल ऑफ द फिटेस्ट...

  ओरिजिन ऑफ स्पेशिज में 'सर्वाइवल ऑफ द फिटेस्ट...' की अपनी थ्योरी लिखते हुए डार्विन लिखते हैं- 'हर प्राणी को खाने के लिए भोजन व ...