Saturday 25 June 2022

बूंदों को छोड़ो, समुद्र बनो...

महान दार्शनिक रूसो का एक कथन है- बूंदों को छोड़ो, समुद्र बनो...

इंसान के विचार ही उसकी दुनिया का निर्माण करते हैं. आपके सुख-दुख, आपकी शांति-अशांति सब आप पर निर्भर करती है. अगर आपने इन सबके लिए खुद को जिम्मेदार मानना शुरू कर दिया तो आपकी जिंदगी की कमान आपके हाथ में होगी और उसी वक्त से आपके आसपास सब कुछ बदलना शुरू हो जाएगा.

लोगों के मन में अक्सर ये सवाल आता है कि बदलावों की शुरुआत कहां से करें? सबसे पहले तो हारने की चिंताएं छोड़ो क्योंकि इस दुनिया में न तो आप कुछ लेकर आए हो और न हीं कुछ लेकर जाओगे. कल सुबह आपका कैसा होगा आपको नहीं पता तो क्यों नहीं खुलकर जिंदगी की पारी खेल ली जाए. बस ये एटीट्यूड लाने की सबसे पहले जरूरत है.

आपके अंदर सकारात्मक बदलाव हों इसके लिए आपका स्वयं के साथ वार्तालाप करना बहुत जरूरी है. तभी आप पता लगा सकोगे कि वास्तव में आप कौन हो. आपको अपने जीवन से क्या चाहिए? आपके भविष्य की दिशा क्या होनी चाहिए. आपको इसके लिए क्या कदम उठाने की जरूरत है और इस राह में चुनौतियां क्या-क्या हैं? 

सही दिशा में बढ़ने के लिए जरूरी है कि मन को पहले इसके लिए तैयार किया जाए. मन को इसके लिए तैयार करने के लिए उसे भरपूर डोज की जरूरत होती है. ये कैसे होगा? अच्छी जगहों, अच्छी किताबों, अच्छे लोगों और एकांत में खुद से दोस्ती करके देखो, यहीं से बदलावों की एक श्रृंखला सी चल पड़ेगी. कभी खुद को किसी से कम मत समझो, किसी से खुद को कंपेयर मत करो.

एक मनुष्य के रूप में आत्मविकास करना आपका सबसे बड़ा लक्ष्य है. उसी दिशा में बस काम करते जाना है. अपने काम, अपने जीवन, परिवार और समाज में सहृदयता के साथ आगे बढ़ो. जो आपकी इस सकारात्मक यात्रा में साझेदार बनने योग्य हैं एक-एक कर कारवें में जुड़ते चले जाएंगे. लेकिन आपको पहले साहस करना होगा एक राह बनाने के लिए, उसपर अकेले चलने के लिए और किसी भी हद जाकर सफलता को हासिल करने के लिए. आपकी छोटी-छोटी आदतें बदलती जाएंगी और फिर एक ऐसी पर्सनैलिटी की निर्माण होगा जो अविजित होगा...

वो कहते हैं न- When you become fearless, life becomes limitless...

Saturday 18 June 2022

दुनिया की भीड़ में...


कभी देखिए

भीड़ से अलग होकर

दुनिया की भीड़ को

सड़क पर बेतहाशा

दौड़ती-भागती भीड़ को

सुबह से शाम तक

बस भागती हुई भीड़ को...


हम सब भी शामिल हैं

रोज-रोज की जिंदगी के सवालों से जूझती

खट्टे-मीठे अनुभवों को संजोई

दुनिया की इसी भीड़ में

उस भीड़ में

जिसे देखकर

होता है अहसास

जिंदगी की बोझिलता का...

   

हम भी हैं

उसी भीड़ का हिस्सा

जो दिखाई देती है

हर चौक-चौराहों पर,

हां, शहर के रेडलाइट पर

ये कुछ ज्यादा ही होती है.


कभी नहीं रुकती ये भीड़

बस थमती है

आधी रात को

केवल एक पहर के लिए

और फिर चल पड़ती है

सुबह होते ही

उस गंतव्य की ओर

जो कहीं नहीं ले जाती उसे

बस चलाती-भटकाती जाती है

उलझाती जाती है

रोज नए-नए सवालों से...

...उफ ये भीड़

Monday 6 June 2022

बदलावों की शुरुआत कब और कैसे करें?

 कई बार हमें लगता है कि हमारी परेशानियां बढ़ती जा रही हैं, हम मुश्किलों में घिरते जा रहे हैं, हमारी प्रगति की स्पीड दूसरों की तुलना में कम है यानी हमारे आसपास चीजें उतनी तेजी से नहीं बदल रहीं जितनी आपके दोस्तों और सहकर्मियों की जिंदगी में बदल रही हैं. ऐसे में आपको एक नई शुरुआत की जरूरत है. यह संभव है और इसे आप ही कर सकते हैं. क्योंकि इस दुनिया में अगर कोई इंसान आपके हालात को बदल सकता है तो वह एक ही है और वो हैं केवल आप.



इन बदलावों की शुरुआत पहले आपके अंदर से होगी और फिर उसका असर बाहर और आपके आसपास के वातावरण में कुछ दिनों में दिखना शुरू हो जाएगा. अब आपके सामने सवाल होगा कि ये बदलाव कब और कैसे होंगे? तो स्मरण रहे जो आदमी अपने भीतर पहचानना शुरू करता है, उसके भीतर बदलाव की लहर उसी क्षण शुरू हो जाती है. बदलाव का पहला चरण है कि उसकी इच्छा जगे. एक बार जब आप सोच लेते हैं कि वर्तमान हालात को बदलना है तो उसकी इच्छा आपके मन के अंदर पैदा हो जाती है. उसका अगला सोपान फिर शुरू होता है कि बदलाव की शुरुआत कैसे करें?


बदलाव की शुरुआत के लिए हमें सबसे पहले पता होना चाहिए कि बदलना क्या है? कौन सी ऐसी चीजें हैं जो आपकी प्रगति में बाधा बन रही हैं, कौन सी बातें हैं जो आपकी जिंदगी में, पारिवारिक माहौल में, आर्थिक प्रगति में बाधा बन रही हैं, परेशानियां पैदा कर रही हैं. इसे जानने का सबसे अच्छा तरीका है कि शांत मन से अपने लिए समय निकालें. एक कलम और डायरी लेकर किसी शांत जगह पर चले जाएं, जैसे- कोई पार्क, कोई स्मारक वाली खुली जगह, कोई नदी का किनारा, कोई पहाड़ी स्थल जहां आपको डिस्टर्ब करने वाला कोई न हो.


एकांत में जाकर शांत मन से बैठें, गहरी सांस लें, खुद को कुछ वक्त दें और मन के शांत हो जाने के बाद खुद के सामने मौजूद हालातों पर विचार करना शुरू करें. दो पन्नों पर दो तरह की लिस्ट बनाते चलें जाएं. एक लिस्ट अपनी परेशानियों की और दूसरी लिस्ट अच्छी बातों की जो आपको सुकून देती हों.


जब ये दोनों लिस्ट तैयार हो जाएं तो शांत मन से एक बार उन्हें पढ़ें. कुछ देर में आप पाएंगे कि लिस्ट छोटी हो गई है. अगले दिन आप फिर एक शांत जगह पर जाएं और फिर से उस लिस्ट को रिव्यू करें. आप पाएंगे कि कुछ चीजें हट गई हैं और कुछ चीजें नई जुड़ गई हैं. अब आपकी लिस्ट तैयार है.


अब आपको पता है कि आपकी जिंदगी की कौन सी चीजें आपकी ताकत हैं और कौन सी चीजें आपकी राह की बाधाएं हैं. एक बात जान लीजिए बदलाव वक्त लेता है इसलिए आपको पूरे धैर्य के साथ इन बदलावों की ओर आगे बढ़ना है. अब जब आपकी लिस्ट तैयार है तो गुड लिस्ट को जेब में रख लें और उनमें शामिल बातों को पहले आपको पूरी तरह एंजॉय करने का प्लान बनाना होगा ताकि खुशियों के छोटे-छोटे पल आप अभी से अपनी जिंदगी में बिखेर सकें. यह पहला कदम होगा जब आप माहौल और हालात को बदलते हुए महसूस करने लगेंगे.


अब आते हैं दूसरी लिस्ट पर. ये लिस्ट खोलते हीं आप परेशान हो सकते हैं लेकिन यकीन मानिए यहीं से उस लिस्ट के समाधान का फेज शुरू होने वाला है. अब आप इस लिस्ट पर काम करें. इस लिस्ट को दो हिस्सों में बांटें. एक में वे बातें जिनका समाधान आसान है और कम प्रयासों में और कम समय में आप उसे कर सकते हैं उन्हें रखें और इसपर काम अभी से शुरू कर दें. इसके लिए आपको अलग से किसी स्किल को सीखने की जरूरत नहीं होगी. जब आप इन बदलावों को होते हुए देखेंगे तो आपमें सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगेगा.


अब आप दूसरी लिस्ट पर आइए. तय कीजिए कि इन समस्याओं के समाधान के लिए आपको किस तरह की ट्रेनिंग या अभ्यास की जरूरत होगी. उसकी लिस्ट बनाइए और उसपर काम शुरू कर दीजिए. एक-एक करके कुछ दिन, एक महीने, कुछ महीने या एक साल या कुछ साल इनमें लगेंगे. इसके लिए जरूरी ट्रेनिंग कहां से लेनी होगी, कैसे लेनी होगी उसका आकलन करें और कदम आगे बढ़ाएं.


जो लोग इन स्किल्स में सिद्धहस्त हों उनके पास जाएं उनसे बात करें और इन समस्याओं के समाधान में उनसे सुझाव और मदद मांगें. यहां संकोच से खुद को बचाएं. हालात में बदलाव के लिए किसी को भी गुरु बनाया जा सकता है. आपके आसपास की हर चीज आपको सीख देगी. आप उसे ग्रहण कीजिए. जिनसे आप सीखना चाहते हैं वे इस हालात में कैसे अपना काम करते हैं इसका अवलोकन कीजिए और उसे अपने जीवन में उतारने की कोशिश कीजिए. मसलन उनके बात और व्यवहार करने का तरीका क्या है? समस्याओं को सुलझाने में उनका कैसा एटिट्यूड रहता है. चुनौतियों को वे किस रूप में लेते हैं और किसी समस्या के समाधान तक वे कैसे पहुंचते हैं. देखिए, पूछिए और सीखिए. कुछ दिन में आप इन बदलावों को समझने लगेंगे.


फिर अभ्यास का फेज आएगा. आपको उन आदतों को अपनी आदत में ढालना होगा. कुछ दिनों के अभ्यास के बाद आपके लिए ये आसान होता चला जाएगा और फिर ये आपकी आदत का हिस्सा होंगी. यही प्रयास आपकी जिंदगी में बदलावों का कारण बनने लगेंगी. आप देखेंगे जल्द ही लोगों का नजरिया आपको लेकर बदलने लगेगा. आप एक एक कर समस्याओं को सुलझाते जाएंगे और आपके लिए अब ये आसान होने लगेगा.


हालात को बेहतर बनाने के लिए सबसे अच्छा तरीका है खुद को एक-एक फीसदी बदलते चलें जाइए. जो भी करें अपनी डायरी में नोट करते जाइए. ये आपकी आदत में तब्दील होती चली जाएगी. आपकी छोटी-छोटी आदतें आपके आसपास के माहौल को बदलती चली जाएंगी. आपके काम करने के तरीके को, आपके रिएक्शन के तरीके को बदलती चली जाएंगी.


अब आप जान चुके हैं कि हालात को कैसे बदलना है. अब आपको वो सीक्रेट पता है कि विपरित परिस्थितियों को भी कोई कैसे अपने पक्ष में इस्तेमाल कर हालात को बदल सकता है. सफलता का सीक्रेट क्या है. सफल लोग कुछ अलग नहीं करते बल्कि विभिन्न परिस्थितियों में उनके रिएक्शन का तरीका आम लोगों से अलग होता है. ये सीक्रेट अब आपकी जिंदगी का हिस्सा होंगी और आप दुनिया के 3 फीसदी सफलतम लोगों की श्रेणी में खुद को शामिल पाएंगे.

सर्वाइवल ऑफ द फिटेस्ट...

  ओरिजिन ऑफ स्पेशिज में 'सर्वाइवल ऑफ द फिटेस्ट...' की अपनी थ्योरी लिखते हुए डार्विन लिखते हैं- 'हर प्राणी को खाने के लिए भोजन व ...