रूस में एक कहावत है- A hammer shatters glass but forges steel.
यानी हथौड़े की चोट शीशे को तोड़ देती है लेकिन लोहे को फौलाद बना देती है.
हमारे सामने जीवन में रोज नई-नई समस्याएं आती हैं. तब हम बेहद परेशान हो जाते हैं लेकिन आपने कभी गौर किया है कि कुछ समय बाद जब हम उस समस्या से निकल चुके होते हैं तो वो पल हमें कितना आसान लगता है. आप अतीत में आए किसी मुश्किल वक्त के बारे में सोचकर देखें कि उससे आपके जीवन में कैसे बदलाव आए. क्या जिंदगी वहीं रुक गई या फिर उस मुश्किल हालात ने आपको और भी मजबूत बनाकर उभार दिया?
ये नतीजा ही बताता है कि हम शीशे के बने हैं या लोहे के? यहां विजेताओं और बीच में मैदान छोड़ जाने वालों में एक ही फर्क है कि विजेता बीच में मैदान नहीं छोड़ते. उन्हें बस एक बात पता होती है कि जीत बस आने वाली है. वो कहते हैं न कि- 'लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.'
जब मुसीबतें आती हैं तब पहाड़ की तरह लगती हैं. कई बार लगता है कि सबकुछ खत्म. लेकिन याद रखें जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं होता तो मुसीबतें भी कैसे स्थायी हो सकती हैं. मुश्किलें आएं तो कहां से शुरुआत करें ये सवाल आप सबके मन में उठ रहा होगा. तो उसका जवाब ये है कि मुश्किल आएं तो पहले शांत हो जाएं, एक प्लान बनाएं. जो जरूरी है उससे शुरुआत करें, फिर जो मुमकिन है वो करें, और फिर आप अचानक पाएंगे कि आप नामुमकिन काम भी करने लगे हैं.
समस्या आए तो उसके दूसरे पहलू को देखें... हल आसान हो जाएगा
मुश्किलें क्या हैं अगर आप समझ लें तो रास्ते आसान हो जाएंगे. जिंदगी हम सबको धक्के मारती है. कुछ लोग हार मान लेते हैं और बाकी के लोग लड़ते रहते हैं. हर धक्के के जरिए जिंदगी आपसे कहती है- जाग जाओ, मैं तुम्हें कुछ सीखाना चाहती हूं. कुछ लोग सबक सीख लेते हैं और आगे बढ़ जाते हैं. वे जिंदगी के धक्कों का स्वागत करते हैं. ज्यादातर लोग छोड़ देते हैं. जो टिके रह जाते हैं मैदान में वही विजेता बनते हैं.
एक बाप-बेटे की कहानी बहुत रोचक है. पिता कोई काम करने में बिजी था. बेटा बार-बार आता और डिस्टर्ब करता. पिता परेशान हो गया और सोचा कि इसे किसी काम में उलझाया जाए. उन्होंने पास ही पड़ी एक पुरानी किताब उठाई और उसके पन्ने पलटने लगे. तभी उन्हें विश्व मानचित्र छपा दिखा , उन्होंने तेजी से वो पेज फाड़ा और बच्चे को बुलाया- देखो ये वर्ल्ड मैप है , अब मैं इसे कई पार्ट्स में कट कर देता हूं, तुम्हे इन टुकड़ों को फिर से जोड़ कर वर्ल्ड मैप तैयार करना होगा. और ऐसा कहते हुए उन्होंने ये काम बेटे को दे दिया.
बेटा तुरंत मैप बनाने में लग गया और पिता यह सोच कर खुश होने लगे की अब वो आराम से दो-तीन घंटे अपना काम कर सकेंगे. लेकिन ये क्या, अभी पांच मिनट ही बीते थे कि बेटा दौड़ता हुआ आया और बोला, 'ये देखिए पिताजी मैंने मैप तैयार कर लिया है.'
पिता ने आश्चर्य से देखा , मैप बिलकुल सही था, उन्होंने पूछा- 'तुमने इतनी जल्दी मैप कैसे जोड़ दिया , ये तो बहुत मुश्किल काम था?'
बच्चे ने कहा- कहां पापा, ये तो बिलकुल आसान था , आपने जो पेज दिया था उसके पिछले हिस्से में एक कार्टून बना था , मैंने बस वो कार्टून कम्प्लीट कर दिया और मैप अपने आप ही तैयार हो गया... और ऐसा कहते हुए वो बाहर खेलने के लिए भाग गया और पिताजी सोचते रह गए.
दोस्तों लाइफ में आई प्रॉब्लम्स भी कई बार ऐसी ही होती हैं. सामने से देखने पर वो बड़ी भारी-भरकम लगती हैं , मानो उनसे पार पाना असंभव हो , लेकिन जब हम उनका दूसरा पहलु देखते हैं तो वही प्रॉबलम्स आसान बन जाती हैं, इसलिए जब कभी आपके सामने कोई समस्या आए तो उसे सिर्फ एक नजरिये से देखने की बजाय अलग-अलग दृष्टिकोण से देखिये , क्या पता वो बिलकुल आसान बन जाएं.
जब कभी जीवन में मुश्किलें आएं तो एक नई ट्रिक ट्राई करें. मुश्किल को आने दें, शांति से उसका सामना करें और सोचे कि इस वक्त क्या जरूरी है और उसे किए जाने से एक सकारात्मक बदलाव आपके जीवन में क्या आएगा. फिर उसे लक्ष्य बनाकर आगे बढ़ जाएं. आप देखिएगा आपकी मुश्किलें कम होती लगेंगी. सफलता की राह साफ होने लगेगी.
यदि असफल भी हो जाओ तो इसे एक चैलेंज के रूप में लो. यह असफलता स्थायी नहीं है बल्कि हमें बताने आती है कि कुछ कमी रह गई थी और सफलता ज्यादा दूर नहीं है. कारणों का पता करो और उसपर काम करो, बस दोबारा वो गलती नहीं दोहरानी है.
'सफल होना है कि कदम भारी रख,
बाहर निकल तूफानों से यारी रख
कदम-कदम पर मिलेंगी मुश्किलें, ये तय है
पर तू निरंतर अपना सफर जारी रख...'