Sunday 5 May 2024

मन हो या धरती... हर सतह के नीचे संघर्ष जारी है

धरती शांत दिखती है लेकिन अंदर गर्म लावा भरते रहता है. और एक दिन दुनिया फूटा हुआ ज्वालामुखी देखती है, ऐसा ही हमारे मन के साथ भी है. ऊपर से शांत दिख रहे लोग अंदर से भरे हुए हैं, उनका गुस्सा निकलता है कभी सड़कों पर रोड रेज के रूप में, कभी हाई ब्लड प्रेशर अटैक के रूप में और कभी खुदकुशी के रूप में... ये मन की ज्वालामुखी इतनी प्रबल होती है कि फूट जाने तक किसी को भनक भी नहीं लगने देती...

आखिर क्यों है ऐसा? क्योंकि हम अपने माइंड का मैनेजमेंट नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि हम झूठ की जिंदगी को व्यवहारिकता पर हावी होने दे रहे हैं. क्योंकि इंसान आज कई मोर्चों पर एक साथ जूझ रहा है. आर्थिक समस्याएं तब भी थीं यानी हमसे पहले की पीढ़ियों में भी. लेकिन तब समाज था, परिवार था, लोग थे अपने... जिनसे खुलकर अपने मन की समस्या बताई जा सकती थी. जो पूरी कोशिश करते थे उन्हें हल करने का. आज समस्याएं सिर्फ अपनी है... समाज का लोप हो गया, रिश्ते सिर्फ औपचारिकता भर रह गए... लोग सोशल मीडिया पर रिश्तों के भ्रम में उलझे हुए हैं. जहां एक-दो नहीं हजारों में 'अपने' हैं, जिनके सामने खुद को सफल साबित करने के लिए हम दिनभर फोटोशॉप में बिजी हैं. लेकिन एक बार ईमानदारी से सोचकर देखिए वहां हजारों की भीड़ में कितने अपने हैं?

आप आज तमाम सोशल ग्रुप्स में जुड़े हुए हैं. वहां गौर से देखिए कि किसी की समस्या की सूचना मिलने पर लोग क्या करते हैं. जहां दिनभर किसी न किसी के साथ होने वाली समस्याओं का जिक्र आता है. यहां तक कि किसी की मौत पर भी लोग सिर्फ Oh, Sorry to hear और RIP... लिखकर अपनी जिम्मेदारियां निभा ले रहे हैं. इससे आगे आपकी समस्याएं सिर्फ आपकी हैं.. इसलिए सोशल पर दिखने के लिए मत सोशल बनिए, खुद के आसपास ऑफलाइन सोसाइटी डेवलप करने पर फोकस करिए. वहां हजारों लोग तो नहीं होंगे लेकिन असल जरूरत के वक्त दो चार लोग जो जरूर आपके आसपास मौजूद  होंगे.

अगर ये संभव नहीं दिख रहा हो तो कम से कम खुद से दोस्ती कीजिए और खुद का साथ एंजॉय कीजिए. अच्छे कामों में खुद को झोंक दीजिए. अच्छी किताबों से दोस्ती कीजिए, मजेदार कामों से जुड़ जाइए और खुद को ऐसी शख्सियत के रूप में ढाल लीजिए कि मन में सिर्फ आनंद का वास हो और कोई नकारात्मकता घुस ही न पाए... यही आनंदित जीवन का राज है. यही माइंड मैनेजमेंट का राज है. आप जीवन की वास्तविकताओं के जितने ही करीब होंगे उतने ही सहज और नम्र होंगे. फिर आप किसी से कभी न तो बदतमीजी करते खुद को पाएंगे और न ही बिन बुलाई मुश्किलों को न्योता देते. जबतक संभव हो शांत बने रहने पर फोकस करेंगे.

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